8th Central Pay Commission Official Statement
Constitution of 8th Central Pay Commission (8th CPC) – Official Statement आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8वॉं सीपीसी) के गठन पर आधिकारिक बयान
Constitution of 8th Central Pay Commission (8th CPC) – Official Statement
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF FINANCE
DEPARTMENT OF EXPENDITURE
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION No. 1807
TO BE ANSWERED ON TUESDAY, AUGUST 02, 2022
SRAVANA 11, 1944 (SAKA)
“Review of salary/ allowances/ pension of Central Government employees/ pensioners”
1807: Shri Naranbhai J. Rathwa
Will the Minister of Finance be pleased to state:
(a) whether it is a fact that Government is considering not to constitute 8th Central Pay Commission (CPC) to revise salaries, allowances and pension of Central Government employees and pensioners;
(b) if so, the details thereof and the reasons therefor;
(c) whether it is also a fact that 7 CPC had recommended that Government should review the salary, allowances and pension of employees and pensioners every year rather than forming a new Pay Commission after a long period of ten years; and
(d) if so, the reasons for not implementing the recommendations of 7th CPC so far?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF FINANCE (SHRI PANKAJ CHAUDHARY)
(a) No, Sir.
(b) Does not arise.
(c) The Chairman of 7th CPC in his forwarding of the Report in Para 1.22 had recommended that the matrix may be reviewed periodically without waiting for the long period of ten years. It can be reviewed and revised on the basis of the Aykroyd formula which takes into consideration the changes prices of the commodities that constitute a common man’s basket, which the Labour Bureau at Shimla reviews periodically. It is suggested that this should be made the basis for revision of that matrix periodically without waiting for another Pay Commission.
(d) This issue has not been considered by the Union Cabinet while according the approval for the revision of pay and allowances based on 7th CPC.
Hindi Version:
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के गठन पर आधिकारिक बयान
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग
राज्य सभा
लिखित प्रश्न संख्या – 1807
मंगलवार, 2 अगस्त, 2022 / 171 श्रावण; 71944 (शक)
केंद्र सरकार के कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के वेतन/भत्तों/पेंशन की समीक्षा
1807. श्री नारण भाई जे. राठवा:
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या यह सच है कि सरकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में संशोधन के लिए आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) का गठन नहीं करने पर विचार कर रही है;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इसके क्या कारण हैं;
(ग) कया यह भी सच है कि सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग ने सिफारिश की थी कि सरकार को कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए दस साल की लंबी अवधि के बाद नया वेतन आयोग बनाने के बजाय इनके वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा प्रत्येक वर्ष करनी चाहिए; और
(घ) यदि हां, तो सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों को अभी तक लागू नहीं करने के क्या कारण हैं?
उत्तर
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री पंकज चाधरी) क
(क) जी, नहीं।
(ख) प्रश्न नहीं उठता।
(ग) सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के अध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट अग्रेषित करते हुए पैरा 1.22 में यह सिफारिश की थी कि मेट्रिक्स को दस वर्ष की लंबी अवधि की प्रतीक्षा किए बिना आवधिक रूप से पुनरीक्षित किया जाए। इसे एक्रॉयड फार्मूला आधार पर पुनरीक्षित और संशोधित किया जा सकता है। जिसमें ऐसी उपयोगी वस्तुओं के मूल्य परिवर्तनों को विचार के लिए शामित्र किया जाता है जो सामान्य व्यक्ति की जरूरतों में शामिल होती हैं, जिनकी शिमला स्थित श्रम ब्यूरो आवधिक रूप से समीक्षा करता है। सुझाव है कि नए वेतन आयोग की प्रतीक्षा किए बिना उस मेट्रिक्स को आवधिक रूप से संशोधित करने के लिए इसे ही आधार बनाया जाना चाहिए।
(घ) सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग के आधार पर वेतन और भत्तों के संशोधन के लिए अनुमोदन प्रदान करते समय केन्द्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस मुद्दे पर विचार नहीं किया गया है।
Source: Raja Sabha
Bbashantey. says
This happened to be the greatest news for central government employees, who were waiting to hear this news lolliye,since past so many months.
This news, made them immensely happy and their faith has been once again restored in their prime minister Modii jee which now onwards can never be shsken .
They too can unequivocally say “ Modi jee hain toh zMumkeen hai ,allayehmo